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टेलीग्राम चैनल का लोगो b_hindians — UPSI Hindi UPSSSC VDO Hindi SSC GD Hindi UPSSSC HINDI RO ARO HINDI UPP Hindi UP TET Hindi U
टेलीग्राम चैनल का लोगो b_hindians — UPSI Hindi UPSSSC VDO Hindi SSC GD Hindi UPSSSC HINDI RO ARO HINDI UPP Hindi UP TET Hindi
चैनल का पता: @b_hindians
श्रेणियाँ: शिक्षा
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 626
चैनल से विवरण

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-Team Hindians🇮🇳

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नवीनतम संदेश 6

2021-08-09 06:29:11 भारत में स्वाधीनता प्राप्त करने के बाद अनेकों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां प्राप्त की है । जब हम स्वतंत्र हुए तो उस समय हमारी स्थिति अच्छी नहीं थी । सरकारी प्रयासों से काफी सुधार हुआ, परंतु अभी भी एक क्षेत्र ऐसा है , जिसमें हम अभी तक कुछ विशेष नहीं कर पाए हैं। वह क्षेत्र हैं- खेलों का। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि वर्षों से हम ओलंपिक में चन्द स्वर्ण पदक ही जीत पाए ।दुनिया के छोटे-छोटे अविकसित, निर्धन राष्ट्रों के प्रतिभागी भी खेलकूद के क्षेत्र में हम से आगे निकल गए हैं ।कभी हॉकी का विशेष चैंपियन रहने वाला भारत आज इस खेल में अपनी प्रतिष्ठा खो चुका है । खेलों में गिरते स्तर के लिए कौन जिम्मेदार है ?एक और सरकार की उदासीन दोषपूर्ण सरकारी नीतियां है तो दूसरी ओर विभिन्न खेल संघों की गुटबाजी, खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं एवं प्रशिक्षण का सर्वथा अभाव या कुछ और प्रतियोगिताओं में भाग लेकर खाली हाथ लौटने पर सभी एक दूसरे को दोषी बताते हैं ।कारण चाहे जो भी हो इतना तय है कि खेलकूद को राष्ट्रीय सम्मान का पर्याय नहीं मानते ।अभाव प्रतियोगिताओं का नहीं, अभाव है तो लगन का प्रोत्साहन का, संकल्प का और मुंहतोड़ जवाब देने वाले जीवट का ।

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दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
92 viewsShivam Verma, 03:29
ओपन / कमेंट
2021-08-05 08:39:38 सामान्यतः दुष्टों की वन्दना में या तो भय रहता है या व्यंगय । परंतु जहाँ हम हानि होने के पहले ही हानि के कारण की वंदना करने लगते हैं वहां हमारी वंदना के मूल में भय नहीं बल्कि उसकी स्थाई दशा की आशंका है । इस वंदना में दुष्टों को थपकी देकर सुलाने की चाल है, जिससे विघ्न बाधाओं में जान बच सके ।आशंका से उत्पन्न यह नम्रता गोस्वामी जी को आश्रय से आलंबन बना देती है । जब स्फुट अंशों के संचारीभावो तथा अनुभवों को छोड़कर वंदना के पीछे निहित भावना की दृष्टि से देखते हैं , तो यह आश्रय से संक्रमित आलंबन का उदाहरण बन जाता है । संतों देवताओं तथा राम की वंदना पर्याप्त नहीं, इसलिए दुष्टो की भी वंदना की जाती है । इससे दुष्टो के महत्व की भायिक सृष्टि होती है और वह उन्हें और भी उपहास्य बना देती है।

{UPSSSC PET SPECIAL}
दिए गए गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
236 viewsShivam Verma, 05:39
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