English by Arun kushwaha sir 9559803738 यूपी : टीजीटी-पीजीटी क | EIC STUDY ZONE Official
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यूपी : टीजीटी-पीजीटी के 27 हजार पदों पर भर्ती विज्ञापन के लिए उठी आवाज
सूबे के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी-पीजीटी के 27 हजार पदों पर भर्ती विज्ञापन जारी करने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने आवाज उठाई है। विधानसभा चुनाव की अधिसूचना समाप्त होने के बाद एक बार फिर से प्रतियोगी छात्र इसके लिए लामबंद हुए हैं। युवा मंच ने मुख्यमंत्री को लेकर पत्र लिखकर मांग की है कि चयन बोर्ड में सदस्यों की नियुक्ति कर तत्काल भर्ती विज्ञापन निकाला जाए।
युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि पूर्व में मुख्यमंत्री की ओर से सूबे में टीजीटी-पीजीटी के 27 हजार पदों पर भर्ती करने के लिए निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन चुनाव के चलते भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। ऐसे में सरकार फिर से इन रिक्त पदों पर भर्ती के लिए जल्द से जल्द प्रक्रिया शुरू करे।
अनिल का कहना है कि चयन बोर्ड ने रिक्त पदों का ब्योरा प्राप्त होने के बाद भी फिर से अधियाचन मांगा जिसके चलते अनावश्यक रूप से विज्ञापन जारी करने में विलंब हो रहा है। साथ ही महज पांच हजार पदों पर ही अधियाचन प्राप्त होने की बात की जा रही है। जबकि तदर्थ शिक्षकों से भी सूबे में हजारों पद रिक्त हुए हैं। ऐसे में 27 हजार से कम पदों पर भर्ती विज्ञापन जारी करने पर प्रतियोगी छात्र चुप नहीं बैठेंगे।
चयनित अभ्यर्थियों को ज्वाइन न कराने वाले प्रबंधकों पर होगी कार्रवाई
शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित अभ्यर्थियों को कॉलेजों में ज्वाइन न कराने के मामले में अब सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखा है कि तत्काल चयनित अभ्यर्थियों को ज्वाइन कराएं। ज्वाइन न कराने पर डीआईओएस को भी जिम्मेदार माना जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के विज्ञापन संख्या 01/2021 और 02/2021 में चयनित अभ्यर्थियों को तमाम कॉलेजों के प्रबंधकों ने ज्वाइन नहीं कराया। ऐसे में शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिया है कि तत्काल चयनित अभ्यर्थियों को निर्धारित संस्था / कॉलेजों में ज्वाइन कराएं। यदि विद्यालय प्रबंध तंत्र इन शिक्षकों को ज्वाइन नहीं कराता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय को भेजें। यदि चयनित अभ्यर्थियों को निर्धारित कॉलेजों में ज्वाइन नहीं कराया जाता है, तो इसमें डीआईओएस को भी जिम्मेदार माना जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी।