Ankahi bateein (shayari) pinned «ग़म के मारों ख़ुशी से डरते ह | Ankahi Bateein🙃
Ankahi bateein (shayari) pinned «ग़म के मारों ख़ुशी से डरते हो। ज़िन्दा हो ज़िन्दगी से डरते हो।। बातें बढ-चढ के बोलने वालो। क्यूं मेरी ख़ामोशी से डरते हो।। ज़ुलमतों का असर ये है कि तुम। सुबह की रोशनी से डरते हो।। परवरिश का यही नतीजा है। जिसको पाला उसी से डरते हो।। है …»