छोटा सा संसार, गलतियां अपार, आपके पास है क्षमा का अधिकार, कर लीजिए निवेदन स्वीकार खमावां बांरबार मिच्छामी दुक्क्ड़म
भगवान महावीर के संदेश " जीओ और जीने दो " व “अहिंसा परमो धर्म:”
जैन धर्म की एक अमूल्य प्रथा जो वाकई में हृदय को स्पर्श करने वाली तथा भावनाओं से ओत-प्रोत है. और वह है “मिच्छामी दुक्कड़म (michhami dukkadam)” अर्थात क्षमा कीजिये……. क्षमा किनसे, क्षमा प्रत्येक उस जीव से जो इस दुनिया में मौजूद है.
मिच्छामी दुक्कड़म का हिंदी अर्थ होता है – क्षमा करें, जिसमे
मिच्छामी = क्षमा
दुक्कड़म = बुरे कर्मों के लिए
आदित्य जैन