देखने में अप्सरा, अंग-अंग रसभरा, नैन भर जो देख ले तो लिंग जाय थरथरा डगमगाई नाव रे किसको देगी भाव ये भाव दे तो मैं लगा दूँ गांड अपनी दाव पे तोप हैं बनी हुईं कुर्तियां तनी हुईं कौन इसकी लेगा आज बात हैं ठनी हुई बच्चे बुड्ढे आदमी सबकी हवस लाज़मी माल ऐसा देख सारे बन गए हैं हाशमी। @adult_shayari 60.9K viewsVIRUS, 17:17